Behrouz Boochani: An emerging writer of repute यह लेख -कुर्दिस्तान के लेखक बहरौच बूचानी जिन्हें "ऑस्ट्रेलियन आत्मकथा पुरस्कार" से सम्मानित किया गया है -आशा है आपको पसंद आएगा - आभार आज ही एक लेख पढ़ रहा था , विषय बेहद रोचक और रोमांचित करने वाला – यूं तो लोग अपना देश छोडकर दूसरे देशों में बसने के लिए जाते रहते हैं । यह बात कुछ अलग इसलिए है क्यूंकी मजबूरियों के चलते अपना देश छोडना बेहद दर्द भरा रहता है। और जहां बात जान की हो यह ओर भी संवेदनशील मामला हो जाता है । “अरब स्प्रिंग” के चलते कितने ही लोगों ने अपने घर और घरवालों को खोया है , यह बात बहुत लंबी हो जाएगी यदि में इसे “इराक-युद्ध” से भी जोड़ दूँ तो । बहरहाल मैं एक ऐसे व्यक्ति के विषय में बताने जा रहा हूँ जिसे गत सोमवार को ही “ऑस्ट्रेलियन आत्मकथा पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है । ये हैं – बहरौज़ बूचानी, ये कुर्दिस्तान से हैं और 2013 में , शरणार्थी के तौर पर ऑस्ट्रेलिया के एक द्वीप पर कुर्दिस्तान से बोट में बैठकर पहुँच गए थे। “नो फ्रेंड बट द माउंटेन्स” इनकी आत्मकथा है – अब इन्हें किस तरह की मजबूरी रही होगी जो ऐसी किताब...